Computer Generations(कम्प्यूटर की पीढ़िया)
सन् 1946 में प्रथम इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस, वैक्यूम ट्यूब (Vacuum Tube) युक्त एनिएक कम्प्यूटर की शुरूआत ने कम्प्यूटर के विकास को एक आधार प्रदान किया कम्प्यूटर के विकास के इस क्रम में कई महत्वपूर्ण डिवाइसेज की सहायता से कम्प्यूटर ने आज तक की यात्रा तय की। इस विकास के क्रम को हम कम्प्यूटर में हुए मुख्य परिवर्तन के आधार पर निम्नलिखित पॉंच पीढि़यों में बॉंटते है |
निम्नलिखित पॉंच पीढि़यों में बॉंटते है |
कम्प्यूटरों की प्रथम पीढ़ी अलावा (First Generation Of Computer) :- 1946-1956
कंप्यूटर की प्रथम पीढ़ी की शुरुआत सन् 1946 में एकर्ट और मुचली के एनिएक (ENIAC-Electronic Numerical Integrator And Computer) नामक कम्प्यूटर के निर्माण से हुआ था इस पीढ़ी के कम्प्यूटरों में वैक्यूम ट्यूब का प्रयोग किया जाता था जिसका आविष्कार सन् 1904 John Ambrose Fleming ने किया था इस पीढ़ी में एनिएक के और भी कई अन्य कम्प्यूटरों का निर्माण हुआ जिनके नाम एडसैक (EDSEC – Electronic Delay Storage Automatic Calculator), एडवैक (EDVAC – Electronic Discrete Variable Automatic Computer ), यूनिवैक (UNIVAC – Universal Automatic Computer), एवं यूनीवैक – 1 (UNIVAC – 1) हैं।
कम्प्यूटरों की द्वितीय पीढ़ी (Second Generation Of Computers) :- 1956-1964
कंप्यूटर की प्रथम पीढ़ी के बाद सन् 1956 में कंप्यूटर की द्वितीय पीढ़ी की शुरूआत हुई इन कम्प्यूटरों में Vacuum tube (वैक्यूम ट्यूब) के स्थान पर Transistor (ट्रॉजिस्टर) का उपयोग किया जाने लगा| विलियम शॉकले (William Shockley) ने ट्रॉंजिस्टर का आविष्कार सन् 1947 में किया था जिसका उपयोग द्वितीय पीढ़ी के कम्प्यूटरों में वैक्यूम ट्यूब के स्थान पर किया जाने लगा। ट्रॉंजिस्टर के उपयोग ने कम्प्यूटरों को वैक्यूम ट्यूबों के अपेक्षाकृत अधिक गति एवं विश्वसनीयता प्रदान की| Transistor (ट्रॉजिस्टर) के आने के बाद कंप्यूटर के आकार में भी सुधार आया द्वितीय पीढ़ी के कंप्यूटर प्रथम पीढ़ी के कंप्यूटर से आकार में छोटे हो गए|
कम्प्यूटरों की तृतीय पीढ़ी (Third Generation of Computer) :- 1965-1971
कम्प्यूटरों की तृतीय पीढ़ी की शुरूआत 1964 में हुई। इस पीढ़ी ने कम्प्यूटरों को IC (आई.सी.) प्रदान किया। आई.सी. अर्थात् एकीकृत सर्किट (Integrated Circuit) का आविष्कार टेक्सास इन्स्ट्रमेंन्ट कम्पनी (Texas Instrument Company) के एक अभियंता जैक किल्बी (Jack Kilby) ने किया था। इस पीढ़ी के कम्प्यूटरों में ICL 2903, ICL 1900, UNIVAC 1108 और System 1360 प्रमुख थे।
कम्प्यूटरो की चतुर्थ पीढ़ी (Fourth Generation of computer)
कंप्यूटर की चतुर्थ पीढ़ी की शुरुआत सन् 1971 से हुई | सन् 1971 से लेकर 1985 तक के कम्प्यूटरों को चतुर्थ पीढ़ी के कम्प्यूटरों की श्रेणी में रखा गया है। इस पीढ़ी में IC (Integrated Circuit) को और अधिक विकसित किया गया जिसे विशाल कम्प्यूटरों की चतुर्थ पीढ़ी (Fourth Generation Of Computers) :- 1971-1985
एकीकृत सर्किट (Large Integrated Circuit) कहा जाता हैं। एक Integrated Circuit लगभग 300000 ट्रांजिस्टरों के बराबर कार्य कर सकता हैं। इस आविष्कार से पूरी सेन्ट्रल प्रोसेसिंग यूनिट एक छोटी – सी चिप में आ गयी जिसे माइक्रो प्रोसेसर कहा जाता हैं। इसके उपयोग वाले कम्प्यूटरों को माइक्रो कम्प्यूटर कहा गया।
कम्प्यूटरों की पाचवी पीढ़ी (Fifth Generation Of Computer)
कंप्यूटर की पांचवी पीढ़ी की शुरुआत 1985 से हुई | 1985 से अब तक के कंप्यूटर पांचवी पीढ़ी के अंतर्गत आते हैं कंप्म्प्यूटरों की पॉंचवीं पीढ़ी में वर्तमान के शक्तिशाली एवं उच्च तकनीक वाले कम्प्यूटर से लेकर भविष्य में आने वाले कम्प्यूटरों तक को शामिल किया गया हैं। इस पीढ़ी के कम्प्यूटरों में कम्प्यूटर वैज्ञानिक कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial Intelligence) को समाहित करने के लिए प्रयासरत हैं। आज के कम्प्यूटर इतने उन्नत हैं कि वे हर विशिष्ट क्षेत्र, मूल रूप से अकाउन्टिंग, इंजिनियरिंग, भवन-निर्माण, अंतरिक्ष तथा दूसरे प्रकार के शोध-कार्य में उपयोग किये जा रहे हैं।